पूर्ण विराम (।) का अर्थ है, पूरी तरह रुकना या ठहरना। सामान्यतः जहाँ वाक्य की गति अन्तिम रूप ले ले, विचार के तार एकदम टूट जायें, वहाँ पूर्ण विराम (Full stop) का प्रयोग होता है; जैसे—
- यह हाथी है।
- वह लड़का है।
- मैं आदमी हूँ।
- तुम जा रहे हो।
इन वाक्यों में सभी एक-दूसरे से स्वतन्त्र हैं। सबके विचार अपने में पूर्ण हैं। ऐसी स्थिति में प्रत्येक वाक्य के अन्त में पूर्णविराम लगना चाहिए। संक्षेप में, प्रत्येक वाक्य की समाप्ति पर पूर्णविराम का प्रयोग होता है।
कभी किसी व्यक्ति या वस्तु का सजीव वर्णन करते समय वाक्यांशों के अन्त में पूर्णविराम का प्रयोग होता है। जैसे—
- गोरा रंग। गालों पर कश्मीरी सेब की झलक। नाक की सीध में ऊपर के ओठ पर मक्खी की तरह कुछ काले बाल। सिर के बाल न अधिक बड़े, न अधिक छोटे। कानों के पास बालों में कुछ सफेदी। भूरी बड़ी-बड़ी आँखें। चौड़ा माथा। बाहर बन्द गले का लम्बा कोट।
उपर्युक्त परिच्छेद में व्यक्ति की मुखमुद्रा का बड़ा ही सजीव चित्र कुछ चुने हुए शब्दों तथा वाक्यांशों में खींचा गया है। प्रत्येक वाक्यांश अपने में पूर्ण और स्वतन्त्र है। ऐसी स्थिति में पूर्णविराम का प्रयोग उचित ही है।
पूर्ण विराम का प्रयोग तीनों प्रकार के वाक्यों (सरल, संयुक्त और मिश्र) के अंत में किया जाता है; जैसे—
- राम घर आया। (सरल)
- शाम को बादल तो घिरे लेकिन बरसात नहीं हुई। (संयुक्त)
- उसने कहा कि मैं अवश्य जाऊँगा। (मिश्र)
ऐसे वाक्यों के अंत में भी पूर्ण विराम का प्रयोग होता है जिनमें अप्रत्यक्ष रूप से प्रश्न पूछा गया हो; जैसे; जैसे—
- आपने यह तो नहीं बताया कि आप कहाँ जा रहे हैं।
सोरठा, दोहा, चौपाई आदि छंदों के पहले चरण के अंत में एक पूर्ण विराम चिह्न का और दूसरे चरण के अंत में दो पूर्ण विराम चिह्नों का प्रयोग होता है; जैसे—
“बयरु न कर काहू सन कोई। राम प्रताप विषमता खोई॥
सब नर करहिं परस्पर प्रीती। चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीती॥” — चौपाई
“मुखिया मुख सो चाहिए, खान पान को एक।
पालै पोसै सकल अंग, तुलसी सहित विवेक॥” — दोहा
“सुनि केवट के बयन, प्रेम लपेटे अटपटे।
बिहसे करुनाअयन, चितय जानकी लखन तन॥” — सोरठा
श्लोक के पहले चरण के अंत में एक पूर्ण विराम चिह्न का और दूसरे चरण के अंत में दो पूर्ण विराम चिह्नों का प्रयोग होता है; जैसे—
“कर्मण्येवाधिकारस्ते मा फलेषु कदाचन।
मा कर्मफलहेतुर्भूर्मा ते सङ्गोऽस्त्वकर्मणि॥” — श्लोक
पूर्ण विराम का दुष्प्रयोग
पूर्ण विराम के प्रयोग में सावधानी न रखने के कारण निम्नलिखित उदाहरण में अल्पविराम लगाया गया है—
- आप मुझे नहीं जानते, महीने में मैं दो ही दिन व्यस्त रहा हूँ।
उपर्युक्त वाक्य में ‘जानते’ के बाद अल्पविराम के स्थान पर पूर्णविराम का चिह्न लगाना चाहिए, क्योंकि यहाँ वाक्य पूरा हो गया है। दूसरा वाक्य पहले से बिलकुल स्वतन्त्र है। अतः सही वाक्य होगा—
- आप मुझे नहीं जानते। महीने में मैं दो ही दिन व्यस्त रहा हूँ।
निम्नलिखित उदाहरण में पूर्णविराम के स्थान पर अर्द्ध विराम का प्रयोग होना चाहिए—
- मैं मनुष्य में मानवता देखना चाहती हूँ। उसे देवता बनाने की मेरी इच्छा नहीं। (शुद्ध)
- मैं मनुष्य में मानवता देखना चाहती हूँ; उसे देवता बनाने की मेरी इच्छा नहीं। (अशुद्ध)
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