वाक्यांतरण

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किसी वाक्य को दूसरे प्रकार के वाक्य में, बिना अर्थ बदले, परिवर्तित करने की प्रक्रिया को ‘वाक्यांतरण’ या ‘वाक्यपरिवर्तन’ या ‘वाक्य का रूपान्तरण’ कहते हैं। हम किसी भी वाक्य को भिन्न-भिन्न वाक्य-प्रकारों में परिवर्तित कर सकते हैं और उनके मूल अर्थ में तनिक विकार नहीं आयेगा। हम चाहें तो एक सरल वाक्य को मिश्र या संयुक्त वाक्य में बदल सकते हैं। उदाहरणार्थ—

  • सरल वाक्य— हर तरह के संकटों से घिरा रहने पर भी वह निराश नहीं हुआ।
  • संयुक्त वाक्य— संकटों ने उसे हर तरह से घेरा, परन्तु वह निराश नहीं हुआ।
  • मिश्र वाक्य— यद्यपि वह हर तरह के संकटों से घिरा था, तथापि निराश नहीं हुआ।

वाक्यपरिवर्तन करते समय एक बात विशेषरूप से ध्यान में रखनी चाहिए कि वाक्य के मूल अर्थ में विकृति न आने पाये।

संरचना की दृष्टि से रचनांतरण

संरचना की दृष्टि से वाक्य सरल, संयुक्त और मिश्र हो सकते हैं। इन वाक्यों का वाक्यांतरण हो सकता है—

  • सरल वाक्य से
    • मिश्र वाक्य
    • संयुक्त वाक्य
  • संयुक्य वाक्य से
    • सरल वाक्य
    • मिश्र वाक्य
  • मिश्र वाक्य से
    • सरल वाक्य
    • संयुक्य वाक्य

सरल वाक्य का रूपान्तरण

मैं परीक्षा देने के लिए दिल्ली जा रहा हूँ। (सरल)

  • मुझे परीक्षा देनी है, इसलिए दिल्ली जा रहा हूँ। (मिश्र)
  • मैं दिल्ली जा रहा हूँ क्योंकि मुझे परीक्षा देनी है। (मिश्र)
  • मुझे परीक्षा देनी है और मैं दिल्ली जा रहा हूँ। (संयुक्त)

आइये एक-एक करके इसे विस्तार से समझते हैं—

सरल वाक्य से मिश्र वाक्य

  • सरल— उसने अपने मित्र का पुस्तकालय खरीदा।
    • मिश्र— उसने उस पुस्तकालय को खरीदा, जो उसके मित्र का था।
  • सरल— अच्छे लड़के परिश्रमी होते हैं।
    • मिश्र— जो लड़के अच्छे होते हैं, वे परिश्रमी होते हैं।
  • सरल— लोकप्रिय कवि का सम्मान सभी करते हैं।
    • मिश्र— जो कवि लोकप्रिय होता है, उसका सम्मान सभी करते हैं।
  • सरल— वह छोटा लड़का है।
    • मिश्र— वह जो लड़का है छोटा है।
  • सरल— इसी बच्चे को बैल ने सींग मारा था।
    • मिश्र— यह वही बच्चा है जिसको बैल ने सींग मारा था।
  • सरल— गरीबों की सहायता करने वाले धर्मात्मा होते हैं।
    • मिश्र— जो गरीबों की सहायता करते हैं वे धर्मात्मा होते हैं।
  • सरल— वह मुझसे घर आने को कहता है।
    • मिश्र— वह मुझसे कहता है कि मेरे घर आओ।
  • सरल— टोपीवाला बाबू कहीं जा रहा है।
    • मिश्र— वह जो टोपीवाला बाबू है कहीं जा रहा है।
  • सरल— उसने अपना दोष मान लिया।
    • मिश्र— उसने मान लिया कि दोष उसका है।
  • सरल— उसने परीक्षा उत्तीर्ण करने के लिए परिश्रम किया।
    • मिश्र— उसने परिश्रम किया ताकि परीक्षा उत्तीर्ण करे।
  • सरल— आज शाम उससे मिलने का मेरा विचार है।
    • मिश्र— मेरा विचार है कि आज शाम उससे मिला जाए।
  • सरल— मैं तुम्हारे साथ खेलना चाहता हूँ।
    • मिश्र— मैं चाहता हूँ कि तुम्हारे साथ खेलूँ ।
  • सरल— यहाँ का प्रबन्ध अति त्रुटिपूर्ण है।
    • मिश्र— यहाँ जो प्रबन्ध है वह अति त्रुटिपूर्ण है।
  • सरल— सूर्य पूर्व से उदय होता है।
    • मिश्र— जो सूर्य है वह पूर्व से उदय होता है।
  • सरल— मुझे अपनी समस्या बताओ ।
    • मिश्र— मुझे बताओ कि तुम्हारी समस्या क्या है।
  • सरल— मेरे लिए बैठने की कहीं जगह नहीं है।
    • मिश्र— मेरे लिए कहीं जगह नहीं है जहाँ मैं बैठूं।
  • सरल— काम खत्म करके हम सैर करने निकल पड़े।
    • मिश्र— जब काम खत्म हुआ तब हम सैर करने निकल पड़े।
  • सरल— इतना धन रहते हुए भी वह स्वस्थ नहीं है।
    • मिश्र— यद्यपि उसके पास इतना धन है तथापि वह स्वस्थ नहीं है।
  • सरल— वह सेना में भर्ती होने योग्य नहीं है।
    • मिश्र— वह इस योग्य नहीं है कि सेना में भर्ती हो (सके)।
  • सरल— मैंने एक घायल पक्षी देखा।
    • मिश्र— मैंने एक पक्षी देखा जो घायल था।
  • सरल— मुझे पुरस्कार मिलने की आशा है।
    • मिश्र— आशा है कि मुझे पुरस्कार मिलेगा।
  • सरल— इस मंदिर में केवल हिन्दू प्रवेश पा सकते हैं।
    • मिश्र— यदि कोई हिन्दू नहीं है तो वह इस मंदिर में प्रवेश नहीं पा सकता।
  • सरल— उसके मौन से उसका अपराध प्रमाणित होता है।
    • मिश्र— उसके मौन से प्रमाणित होता है कि वह अपराधी है।
  • सरल— उसने मेरा पुस्तकालय खरीद लिया है।
    • मिश्र— उसने वह पुस्तकालय खरीद लिया है जो मेरा था।
  • सरल— आज बारिश होने की सम्भावना है।
    • मिश्र— सम्भावना है कि आज बारिश हो।
  • सरल— डाक गाड़ी आने पर सवारी गाड़ी छूटेगी।
    • मिश्र— जब डाक गाड़ी आ जाएगी तब सवारी गाड़ी छूटेगी।
  • सरल— राजा ने मंत्री को उपस्थित होने का आदेश दिया।
    • मिश्र— राजा ने मंत्री को आदेश दिया कि उपस्थित हो जाओ।
  • सरल—उसे अपने काम में सफल होने का पूरा विश्वास है।
    • मिश्र— उसे पूरा विश्वास है कि वह अपने काम में सफल हो जाएगा।
  • सरल— उसे मारे जाने का डर था।
    • मिश्र— उसे डर था कि वह मारा जाएगा।
  • सरल— बच्चा इस कक्षा में प्रसन्न है।
    • मिश्र— बच्चा जिस कक्षा में है उसमें प्रसन्न है।
  • सरल— कक्षा छात्रों के खेलने की जगह नहीं है।
    • मिश्र— कक्षा ऐसी जगह नहीं है जहाँ छात्र खेलें।
  • सरल— डाँटे जाने पर वह रो पड़ा।
    • मिश्र— जब उसे डाँटा गया तो वह रो पड़ा।
  • सरल— आपकी आज्ञा से मैं जाना चाहता हूँ।
    • मिश्र— यदि आप आज्ञा दें तो मैं जाऊँ।
  • सरल— संतुष्ट होने के कारण उसने कभी शिकायत नहीं की।
    • मिश्र— क्योंकि वह संतुष्ट था इसलिए उसने कभी शिकायत नहीं की।
  • सरल— छह बजे लौट आना।
    • मिश्र— जब छह बजे तब लौट आना।
  • सरल— आहिस्ता बोलना मुझे अच्छा नहीं लगता।
    • मिश्र— मुझे यह अच्छा नहीं लगता कि आहिस्ता बोला जाए।
  • सरल— यह सब मेरी अनुपस्थिति में हुआ।
    • मिश्र— यह सब तब हुआ जब मैं अनुपस्थित था।
  • सरल— मेरे मरने पर मेरा दाह-संस्कार गंगाघाट पर किया जाए।
    • मिश्र— जब मैं मरूँ तो मेरा संस्कार गंगाघाट पर किया जाए।
  • सरल— इतनी गर्मी होने पर भी वह भट्टी के पास काम करता है।
    • मिश्र— यद्यपि इतनी गर्मी है तथापि वह भट्टी के पास काम करता है।
  • सरल— मेरे आने तक यहीं बैठे रहना।
    • मिश्र— जब तक मैं न आऊँ तब तक यहीं बैठे रहना ।
  • सरल— चपरासी दो-चार रुपये पाकर खुश हो गया।
    • मिश्र— जब चपरासी ने दो-चार रुपए पा लिये तब वह खुश हो गया।
  • सरल— कृपया गाड़ी के आने का समय बता दें।
    • मिश्र— कृपया बता दें कि गाड़ी किस समय आती है।
  • सरल— अतिथियों के विदा होने पर हम सोने चले गए।
    • मिश्र— जब अतिथि विदा हुए तब हम सोने चले गए।
  • सरल— मुझे उसका भाग्य पलटने की खुशी है।
    • मिश्र— मुझे खुशी है कि उसका भाग्य पलटा है।
  • सरल— मुझे उसकी ईमानदारी पर संदेह है।
    • मिश्र— मुझे संदेह है कि वह ईमानदार है।
  • सरल— इस समय तुम्हारे पड़ोसी तुम्हारी सहायता करने वाले एक मात्र व्यक्ति हैं।
    • मिश्र— जो तुम्हारे पड़ोसी हैं वे इस समय तुम्हारी सहायता करने वाले एक मात्र व्यक्ति हैं।
  • सरल— पिता की मृत्यु के उपरांत वह दिल्ली छोड़कर चला गया।
    • मिश्र— जब उसके पिता की मृत्यु हो गई तब वह दिल्ली छोड़कर चला गया।
  • सरल— वह अपनी उम्र के तीसवें वर्ष तक अविवाहित था।
    • मिश्र— जब तक उसकी उम्र तीस वर्ष की नहीं हुई थी, वह अविवाहित था।
  • सरल— मैं आपसे छुट्टी के लिए प्रार्थना करता हूँ।
    • मिश्र— मैं आपसे प्रार्थना करता हूँ कि मुझे छुट्टी दी जाए।
  • सरल— क्या यह किसी भले आदमी का काम है।
    • मिश्र— क्या वह कोई भला आदमी है जो यह काम कर सकता है।
  • सरल— राम का शत्रु रावण मारा गया ।
    • मिश्र— रावण जो राम का शत्रु था, मारा गया।
  • सरल— मैंने उसकी अस्वस्थता के बारे में सुना था।
    • मिश्र— मैंने सुना था कि वह अस्वस्थ था।
  • सरल— उत्तर देने का यह ढंग ठीक नहीं है।
    • मिश्र— उत्तर देने का यह जो ढंग है, ठीक नहीं है।
  • सरल— वह मुझसे मिलने की आशा में प्रतीक्षा करता रहा।
    • मिश्र— वह इस आशा में प्रतीक्षा करता रहा कि मुझसे मुलाकात हो जाएगी।
  • सरल— परीक्षा के दिन तक उसने एक अक्षर नहीं पढ़ा था।
    • मिश्र— जब तक परीक्षा का दिन नहीं आया था तब तक उसने एक अक्षर नहीं पढ़ा था।
  • सरल— यह समाचार सुननेवालों में मैं सबसे पहले पहुँचा था।
    • मिश्र— जो लोग यह समाचार सुननेवाले थे उनमें मैं सबसे पहले पहुँचा था।
  • सरल— अभी तक उसके छुपने के स्थान का पता नहीं चला।
    • मिश्र— अभी तक पता नहीं चला कि उसके छुपने का स्थान कहाँ था।
  • सरल— उसे उच्चवर्गीय परिवार में पैदा होने का गर्व है।
    • मिश्र— उसे गर्व है कि वह उच्चवर्गीय परिवार में पैदा हुआ।
  • सरल— पूर्ण स्वास्थ्य के लिए शुद्ध आहार-विहार आवश्यक है।
    • मिश्र— यदि पूर्ण स्वास्थ्य चाहिए तो शुद्ध आहार-विहार आवश्यक है।
  • सरल— अभियुक्त ने अपना अपराध स्वीकार कर लिया।
    • मिश्र— अभियुक्त ने स्वीकार कर लिया कि मैंने अपराध किया है।
  • सरल— उसे अपनी जवानी की कई घटनाएँ याद हैं।
    • मिश्र— उसे कई ऐसी घटनाएँ याद हैं जो उसकी जवानी में घटित हुई थीं।
  • सरल— समझदार आदमी अपने भविष्य का ध्यान रखता है।
    • मिश्र— जो आदमी समझदार है वह अपने भविष्य का ध्यान रखता है।
  • सरल— ओंकार के स्थानांतरण के पश्चात् करुणानिधि ने आचार्य का कार्यभार सँभाला।
    • मिश्र— जब क का स्थानांतरण हुआ तो ख ने आचार्य का कार्यभार सँभाला।
  • सरल— विदेश में मेरे मरने पर मेरी अस्थियाँ प्रयागराज भेज दी जाएँ।
    • मिश्र— यदि मैं विदेश में मरूँ तो मेरी अस्थियाँ प्रयागराज भेज दी जाएँ।

सरल वाक्य से संयुक्त वाक्य

  • सरल— अस्वस्थ रहने के कारण वह परीक्षा में सफल न हो सका।
    • संयुक्त— वह अस्वस्थ था और इसीलिए परीक्षा में सफल न हो सका ।
  • सरल— सूर्योदय होने पर कुहासा जाता रहा।
    • संयुक्त— सूर्योदय हुआ और कुहासा जाता रहा।
  • सरल— गरीब को लूटने के अतिरिक्त उसने उसकी हत्या भी कर दी।
    • संयुक्त— उसने न केवल गरीब को लूटा, बल्कि उसकी हत्या भी कर दी।
  • सरल— वह खाना खाकर सो गया।
    • संयुक्त— उसने खाना खाया और सो गया।
  • सरल— इतना कहने पर भी वह नहीं आया।
    • संयुक्त— इतना कहा पर वह नहीं आया।
  • सरल— प्राचार्य ने उसे अनुशासन भंग करने पर दंडित किया।
    • संयुक्त— उसने अनुशासन भंग किया, इसलिए प्राचार्य ने उसे दंडित किया।
  • सरल— उसे पुरस्कार पाने के लिए परिश्रम करना पड़ेगा।
    • संयुक्त— उसे परिश्रम करना पड़ेगा वरना/नहीं तो पुरस्कार नहीं पाएगा।
  • सरल— उसे अपनी कमी पूरी करने के लिए परिश्रम करना चाहिए।
    • संयुक्त— उसे परिश्रम करना चाहिए और इस तरह अपनी कमी पूरी करनी चाहिए।
  • सरल— वह मृत्युदंड के भय से झूठ बोलता रहा।
    • संयुक्त— उसे मृत्युदंड का भय था, इसलिए वह झूठ बोलता रहा।
  • सरल— कड़ी मेहनत के बावजूद वह सफल न हो सका।
    • संयुक्त— उसने कड़ी मेहनत की, परन्तु वह सफल न हो सका।
  • सरल— दुर्भाग्य से वह परीक्षा में बैठ न सका।
    • संयुक्त— उसका दुर्भाग्य था और इसलिए वह परीक्षा में बैठ न सका।
  • सरल— उसने ऐसा काम करके बदनामी कमाई।
    • संयुक्त— उसने ऐसा काम किया और बदनामी कमाई।
  • सरल— कपड़े उतारकर वह नदी में कूद पड़ा।
    • संयुक्त— उसने कपड़े उतारे और वह नदी में कूद पड़ा।
  • सरल— सब कुछ पाने पर भी वह अपने में संतुष्ट नहीं था।
    • संयुक्त— उसने सब कुछ पा लिया, पर वह अपने में संतुष्ट नहीं हुआ।
  • सरल— उसके सीटी बजाने पर खेल रुक गया।
    • संयुक्त— उसने सीटी बजाई और खेल रुक गया।
  • सरल— वर्षा आती देख हमने एक झोपड़ी में शरण ली।
    • संयुक्त— हमने वर्षा आती देखी और एक झोपड़ी में शरण ली।
  • सरल— दंड से बचने के लिए वह भाग गया।
    • संयुक्त— वह दंड से बचना चाहता था, इसलिए भाग गया।
  • सरल— अपने ऊपर विपत्ति आती देखकर वह वहाँ से खिसक गया।
    • संयुक्त— उसने अपने ऊपर विपत्ति आती देखी और वह वहाँ से खिसक गया।
  • सरल— पंगु होने के कारण वह घोड़े पर नहीं चढ़ सकता।
    • संयुक्त— वह पंगु है, इसलिए घोड़े पर नहीं चढ़ सकता।
  • सरल— पिता के कदमों की आहट सुनकर बच्चे इधर-उधर भाग गए।
    • संयुक्त— पिता के कदमों की आहट सुनी और बच्चे इधर-उधर भाग गए।
  • सरल— अपने गुणों के कारण उसका सब जगह आदर-सत्कार होता था।
    • संयुक्त— उसमें गुण थे, इसलिए, उसका सब जगह आदर-सत्कार होता था।
  • सरल— चूहे पर दया करके साधु ने उसे बिल्ली बना दिया।
    • संयुक्त— साधु ने चूहे पर दया की और उसे बिल्ली बना दिया।
  • सरल— आर्थिक सहायता के अतिरिक्त उसने लड़कों को उचित परामर्श भी दिया।
    • संयुक्त— उसने लड़कों को आर्थिक सहायता भी दी और उन्हें उचित परामर्श भी दिया।
  • सरल— उसकी अदूरदर्शिता के कारण परिवार पर लाखों का ऋण हो गया।
    • संयुक्त— वह अदूरदर्शी था, इसलिए परिवार पर लाखों का ऋण हो गया।
  • सरल— दो जोड़ा जूतों में से तुम कोई ले लो।
    • संयुक्त— तुम जूते का यह जोड़ा ले लो या वह (ले लो)।
  • सरल— आवश्यक कार्य में व्यस्त रहने के कारण मुझे अवकाश नहीं मिला।
    • संयुक्त— मैं आवश्यक कार्य में व्यस्त था, इसलिए मुझे अवकाश नहीं मिला।
  • सरल— सूखा पड़ जाने के कारण इस बार फसल कम है।
    • संयुक्त— सूखा पड़ गया है, इसलिए इस बार फसल कम है।
  • सरल— सूर्यास्त होने तक मजदूरों ने वह काम समाप्त नहीं किया था।
    • संयुक्त— सूर्यास्त हो गया पर मजदूरों ने वह काम समाप्त नहीं किया।
  • सरल— दोनों में से कोई काम पूरा नहीं हुआ।
    • संयुक्त— न एक काम पूरा हुआ न दूसरा (पूरा हुआ)।
  • सरल— अपनी मिलनसारी से उसने कई मित्र बना लिए।
    • संयुक्त— वह मिलनसार था, इसलिए उसने कई मित्र बना लिए।
  • सरल— दोनों में से एक भी ठीक नहीं है।
    • संयुक्त— न एक ठीक है न दूसरा।
  • सरल— दोनों में से एक ही भला आदमी है।
    • संयुक्त— या तो यह भला आदमी है या वह।
  • सरल— सब अच्छे हैं।
    • संयुक्त— ये भी अच्छे हैं और वे भी अच्छे हैं।
  • सरल— परिश्रम करके सफलता प्राप्त करो।
    • संयुक्त— परिश्रम करो और सफलता प्राप्त करो।
  • सरल— मैं परीक्षा में फेल हो गया।
    • संयुक्त— मैंने परीक्षा दी, पर मैं फेल हो गया।
  • सरल— हम घर-घाट के नहीं रहे।
    • संयुक्त— हम न घर के रहे न घाट के।
  • सरल— शिक्षा साध्य न होकर साधन है।
    • संयुक्त— शिक्षा साध्य नहीं है, साधन है।

संयुक्त वाक्य का रूपान्तरण

मोहन अच्छा खिलाड़ी है और पढ़ने में तेज़ है। (संयुक्त)

  • मोहन अच्छा खिलाड़ी होते हुए भी पढ़ने में तेज है। (सरल)
  • यद्यपि मोहन अच्छा खिलाड़ी है तथापि पढ़ने में भी तेज है। (मिश्र)

आइये इसके और उदाहरण देखते हैं—

संयुक्त वाक्य से सरल वाक्य

  • संयुक्त— वह बच्चा ही तो था, पर था चतुर।
    • सरल— बच्चा होने पर भी वह था चतुर।
  • संयुक्त— देर मत करो, नहीं तो या वरना गाड़ी छूट जाएगी।
    • सरल— देर करने पर गाड़ी छूट जायगी।
  • संयुक्त— वे लोग निर्धन थे और कष्ट भोगते रहते थे।
    • सरल— वे निर्धन लोग कष्ट भोगते रहते थे।
  • संयुक्त— मैंने उसे बुलाया पर उसने कोई उत्तर नहीं दिया।
    • सरल— मेरे बुलाने पर भी उसने कोई उत्तर नहीं दिया।
  • संयुक्त— न केवल उसे पैसा मिला, अपितु प्रोत्साहन भी (मिला)।
    • सरल— पैसा मिलने के अलावा उसे प्रोत्साहन भी मिला।
  • संयुक्त— उसने घर का काम कर लिया और पुस्तक बंद कर दी।
    • सरल— उसने घर का काम करके पुस्तक बंद कर दी।
  • संयुक्त— हमें आहार लेना चाहिए नहीं तो जी न सकेंगे।
    • सरल— हमें जीने के लिए आहार लेना चाहिए।
  • संयुक्त— न रहेगा बाँस न रहेगी बाँसुरी।
    • सरल— बाँस और बाँसुरी दोनों नहीं रहेंगे।
  • संयुक्त— स्याही सूख गई और मैं लिख न सका।
    • सरल— स्याही सूख जाने पर मैं लिख न सका।
  • संयुक्त— वह प्रतिदिन अभ्यास करता था, इसलिए प्रवीण हो गया।
    • सरल— प्रतिदिन अभ्यास करने के कारण वह प्रवीण हो गया।
  • संयुक्त— यह कोट फटा-पुराना है इसलिए यह मेरा नहीं हो सकता।
    • सरल— यह फटा-पुराना कोट मेरा नहीं हो सकता ।
  • संयुक्त— वह दुर्बल होता जा रहा था, इसलिए डाक्टर को दिखाना पड़ा।
    • सरल— उसके दुर्बल होते जाने के कारण उसको डाक्टर को दिखाना पड़ा।
  • संयुक्त— मालिक आया और घोड़ा हिनहिनाने लगा।
    • सरल— मालिक के आने पर घोड़ा हिनहिनाने लगा।
  • संयुक्त— बिल का भुगतान कर दो नहीं तो माल वापस।
    • सरल— बिल का भुगतान न करने पर तुम्हें माल वापस करना होगा।
  • संयुक्त— वह धनी है पर लोग ऐसा नहीं समझते।
    • सरल— लोग उसे धनी नहीं समझते।
  • संयुक्त— जल्दी चलो, नहीं तो पकड़े जाओगे।
    • सरल— जल्दी न चलने पर पकड़े जाओगे ।
  • संयुक्त— उसने न पैसा दिया, न माल लौटाया।
    • सरल— उसने पैसा और माल नहीं लौटाया।
  • संयुक्त— यों तो वह कहीं खो गया या मारा गया है।
    • सरल— वह कहीं खो जाने की स्थिति में मारा गया है।
  • संयुक्त— मेरे पास रेजगारी नहीं थी, इसलिए मैं भिखारी को कुछ दे न सका।
    • सरल— मेरे पास रेजगारी न होने के कारण मैं भिखारी को कुछ दे न सका।
  • संयुक्त— वह अच्छा कारीगर है, पर है सुस्त ।
    • सरल— वह अच्छा कारीगर होने पर भी सुस्त है।
  • संयुक्त— मेरा मित्र आया और हम दोनों सैर करने चल पड़े।
    • सरल— मेरे मित्र के आने पर हम दोनों सैर करने चल पड़े।
  • संयुक्त— स्कूल बंद होने पर छात्र घर चले गए।
    • सरल— स्कूल बंद हो गया और छात्र घर चले गए।
  • संयुक्त— प्रतिदिन छह घंटे काम करो, नहीं तो फेल हो जाओगे।
    • सरल— प्रति दिन छह घंटे काम न करने से फेल हो जाओगे।
  • संयुक्त— सब आगे बढ़ गए, परन्तु मैं नहीं।
    • सरल— मेरे सिवाय सब आगे बढ़ गए।
  • संयुक्त— नाव डूब गई, पर यात्रियों को बचा लिया गया।
    • सरल— नाव के डूब जाने पर यात्रियों को बचा लिया गया।
  • संयुक्त— ऐसा फिर नहीं होना चाहिए, नहीं तो तुम्हारी छुट्टी हो जाएगी।
    • सरल— ऐसा फिर होने पर तुम्हारी छुट्टी हो जाएगी।
  • संयुक्त— वह अमीर है तो भी सुखी नहीं है।
    • सरल— वह अमीर होने पर भी सुखी नहीं है।
  • संयुक्त— एक मेहमान कल आया था और आज चला गया ।
    • सरल— एक मेहमान कल आकर चला गया।
  • संयुक्त— वह सोया रह गया और गाड़ी चली गई।
    • सरल— उसके सोये-सोये गाड़ी चली गई।
  • संयुक्त— राजकुमार ने भाई को मार डाला और आप राजा बन बैठा।
    • सरल— भाई को मार कर राजकुमार राजा बन बैठा।
  • संयुक्त— सेनापति ने रण में वीरता दिखाई, इसलिए राष्ट्रपति ने उसे वीरचक्र प्रदान किया।
    • सरल— रण में सेनापति के वीरता दिखाने का कारण राष्ट्रपति ने उसे वीरचक्र प्रदान किया।
  • संयुक्त— उसका साझेदार मर गया और सारा कार्यभार उस पर आ पड़ा।
    • सरल— उसके साझेदार के मर जाने पर सारा कार्यभार उस पर आ पड़ा।
  • संयुक्त— वह लूटा तो गया ही, पर पीटा भी गया।
    • सरल— उसे लूटने के अतिरिक्त पीटा भी गया।

संयुक्त वाक्य से मिश्र वाक्य

  • संयुक्त— इसकी तलाशी लो और घड़ी मिल जाएगी।
    • मिश्र— यदि इसकी तलाशी लोगे तो घड़ी मिल जाएगी।
  • संयुक्त— करो या मरो।
    • मिश्र— यदि नहीं करोगे तो मरोगे ।
  • संयुक्त— मोहन एक पुस्तक चाहता था और वह उसे मिल गई।
    • मिश्र— मोहन जो पुस्तक चाहता था वह उसे मिल गई।
  • संयुक्त— मैं वहाँ पहुँचा और तुरन्त घंटा बजा।
    • मिश्र— ज्यों ही में वहाँ पहुँचा त्योंही घंटा बजा।
  • संयुक्त— मनोहर या तो स्वयं आएगा या तार भेजेगा।
    • मिश्र— यदि मनोहर स्वयं न आया तो तार भेजेगा।
  • संयुक्त— विनय चुस्त न हो पर है समझदार।
    • मिश्र— यद्यपि विनय चुस्त नहीं है तथापि वह है समझदार।
  • संयुक्त— शेर घायल हुआ, परन्तु मारा नहीं गया।
    • मिश्र— यद्यपि शेर घायल हो गया तथापि वह मारा नहीं गया।
  • संयुक्त— मुझे तार मिला और मैं तुरन्त चल पड़ा।
    • मिश्र— ज्यों ही मुझे तार मिला त्यों ही मैं चल पड़ा।
  • संयुक्त— दवा लो और बुखार कम हो जाएगा।
    • मिश्र— यदि दवा लोगे तो बुखार कम हो जाएगा।
  • संयुक्त— मैं उसे चुप रहने को कहता रहा, पर उसने एक नहीं सुनी।
    • मिश्र— यद्यपि मैं उसे चुप रहने को कहता रहा तथापि उसने एक नहीं सुनी।
  • संयुक्त— काम पूरा कर डालो, नहीं तो जुरमाना होगा।
    • मिश्र— यदि काम पूरा नहीं करोगे तो जुरमाना होगा।
  • संयुक्त— वह विद्वान बनना चाहता था, इसलिए बड़े-बड़े ग्रंथ पढ़ता था।
    • मिश्र— वह बड़े-बड़े ग्रंथ पढ़ता था ताकि विद्वान बन जाए।
  • संयुक्त— वक्त निकल जाता है, पर बात याद रह जाती है।
    • मिश्र— भले ही वक्त निकल जाता है, फिर भी बात याद रह जाती है।
  • संयुक्त— पोत नष्ट हो गया, पर यात्रियों को बचा लिया गया।
    • मिश्र— पोत नष्ट हो गया, तो भी यात्रियों को बचा लिया गया।
  • संयुक्त— इस समय सर्दी है, इसलिए कोट पहन लो।
    • मिश्र— क्योंकि इस समय सर्दी है, इसलिए कोट पहन लो।

मिश्र वाक्य का रूपान्तरण

मैंने एक आदमी देखा जो बहुत बीमार था। (मिश्र)

  • मैंने एक बहुत बीमार आदमी देखा। (सरल)
  • मैंने एक आदमी देखा और वह बहुत बीमार था। (संयुक्त)

आइये इसे उदाहरण सहित पृथक-पृथक समझते हैं—

मिश्र वाक्य से सरल वाक्य

  • मिश्र— उसने कहा कि मैं निर्दोष हूँ।
    • सरल वाक्य— उसने अपने को निर्दोष घोषित किया।
  • मिश्र— मुझे बताओ कि तुम्हारा जन्म कब और कहाँ हुआ था।
    • सरल— तुम मुझे अपने जन्म का समय और स्थान बताओ ।
  • मिश्र— जो छात्र परिश्रम करेंगे, उन्हें सफलता अवश्य मिलेगी।
    • सरल— परिश्रमी छात्र अवश्य सफल होंगे।
  • मिश्र— यह निश्चित नहीं है कि वह कब आएगा?
    • सरल— उसके आने का समय निश्चित नहीं है।
  • मिश्र— घोषणा की गई कि लोग अपने-अपने हथियार मालखाने में जमा कर दें।
    • सरल— घोषणा में लोगों से अपने-अपने हथियार मालखाने में जमा करने को कहा गया।
  • मिश्र— वह उसी गाँव में मरा जिसमें पैदा हुआ था।
    • सरल— वह अपने पैदाइशी गाँव में ही मरा।
  • मिश्र— वह दिल ही क्या है जिस दिल में दर्द न हो।
    • सरल— बेदर्द दिल दिल नहीं है।
  • मिश्र— मैंने एक आदमी देखा जो अन्धा था।
    • सरल— मैंने एक अन्धा आदमी देखा।
  • मिश्र— उसने कहा कि मैं निर्दोष हूँ।
    • सरल— उसने अपने को निर्दोष बताया।
  • मिश्र— जो क्षण बीत गया वह सदा के लिए गया।
    • सरल— बीता हुआ क्षण सदा के लिए गया।
  • मिश्र— मेरे पास ऐसा कोई उपहार नहीं है जो मैं तुम्हें दे सकूँ।
    • सरल— मेरे पास तुम्हें देने योग्य कोई उपहार नहीं है।
  • मिश्र— जब तुम लौटकर आओगे तब मैं जाऊँगा।
    • सरल— तुम्हारे लौटकर आने पर मैं जाऊँगा।
  • मिश्र— यद्यपि वह गरीब है तथापि वह चोरी नहीं करता।
    • सरल— गरीब होने पर भी वह चोरी नहीं करता ।
  • मिश्र— मुझे बताओ कि तुम कहाँ रहते हो।
    • सरल— मुझे अपने रहने का स्थान बताओ।
  • मिश्र— जो लोग अपने बल-बूते पर खड़े होते हैं वे जीवन में सफल होते हैं।
    • सरल— अपने बल-बूते पर खड़े होनेवाले जीवन में सफल रहते हैं।
  • मिश्र— चीनी ऐसा खाद्य पदार्थ है जो सबसे महँगा है।
    • सरल— चीनी सबसे महँगा खाद्य पदार्थ है।
  • मिश्र— जहाँ श्याम रहता है वहीं राम भी रहता है।
    • सरल— राम और श्याम एक ही जगह रहते हैं।
  • मिश्र— ज्यों ही मैं वहाँ पहुँचा त्यों ही घंटा बजा।
    • सरल— मेरे वहाँ पहुँचते ही घंटा बजा।
  • मिश्र— यदि पानी न बरसा तो सूखा पड़ जाएगा।
    • सरल— पानी न बरसने पर सूखा पड़ जाएगा।
  • मिश्र— आशा है कि वह साफ बच जाएगा।
    • सरल— उसके साफ बच जाने की आशा है।
  • मिश्र— खेद है कि हमें इतना कष्ट झेलना पड़ा।
    • सरल— हमें इतना कष्ट झेलने का खेद है।
  • मिश्र— यह वह सलाई है जिससे बिनाई की थी।
    • सरल— इस सलाई से बिनाई की थी।
  • मिश्र— चाबुक से उसके शरीर पर जो निशान पड़ गए थे वे अब भी दिखाई दे रहे थे।
    • सरल— चाबुक से उसके शरीर पर पड़े हुए निशान अब भी दिखाई दे रहे थे।
  • मिश्र— हमें जानकर हर्ष हुआ है कि यह वर्ष विश्वविद्यालय की स्वर्ण जयंती के रूप में मनाया जा रहा है।
    • सरल— इस वर्ष को विश्वविद्यालय की स्वर्ण जयंती के रूप में मनाये जाने का हमें हर्ष है
  • मिश्र— जो कुछ याद था वह भी भूल गया।
    • सरल— याद किया हुआ सभी कुछ भूल गया।
  • मिश्र— दस वर्ष बाद जब मैं गाँव गया तो सारा नक्शा ही बदला हुआ था।
    • सरल— दस वर्ष बाद मेरे गाँव जाने पर सारा नक्शा ही बदला हुआ था।
  • मिश्र— जहाँ जाओगे भाग्य तुम्हारा साथ देगा।
    • सरल— भाग्य सब जगह तुम्हारा साथ देगा।
  • मिश्र— जब सब नष्ट हो गया, तब सारी चिन्ता दूर हुई।
    • सरल— सब नष्ट हो जाने पर सारी चिन्ता दूर हुई।
  • मिश्र— उसकी असावधानी का परिणाम यह हुआ कि हम हार गए।
    • सरल— उसकी असावधानी के कारण हम हार गए।
  • मिश्र— मुझे आपसे कहना है कि वह आज नहीं आ पाएगा।
    • सरल— उसके न आ पाने की बात मुझे आपसे कहनी थी।
  • मिश्र— वे आए थे ताकि आपकी सहायता करते।
    • सरल— वे आपकी सहायता करने आए थे।
  • मिश्र— परिश्रम करोगे तो पास हो जाओगे ।
    • सरल— परिश्रम करने पर पास हो जाओगे।
  • मिश्र— जब तक मजबूर नहीं करोगे, वह मानेगा नहीं।
    • सरल— मजबूर करने पर ही वह मानेगा।
  • मिश्र— ज्यों ही वह आया बिजली गुल हो गई।
    • सरल— उसके आते ही बिजली गुल हो गई।
  • मिश्र— तुम जहाँ जाओगे मैं तुम्हारा पीछा करूँगा।
    • सरल— मैं हर जगह तुम्हारा पीछा करूँगा।
  • मिश्र— घर में जो लेई-पूँजी थी, वह पिताजी की बीमारी में खर्च हो चुकी थी।
    • सरल— घर की सारी लेई-पूँजी पिताजी की बीमारी में खर्च हो चुकी थी।
  • मिश्र— जो मैं कहता हूँ, वही लिखिए।
    • सरल— मेरे कहने के अनुसार लिखिए।
  • मिश्र— आशा है कि वह दो-चार दिन में आ जाएगा।
    • सरल— दो-चार दिन में उसके आ जाने की आशा है।
  • मिश्र— मेरे पास ऐसा कोई नौकर नहीं है जो आपका काम कर सके।
    • सरल— आपका काम कर पाने योग्य मेरे पास कोई नौकर नहीं है।
  • मिश्र— अच्छा हुआ कि वह यहाँ से सदा के लिए चला गया।
    • सरल— उसका यहाँ से सदा के लिए चला जाना अच्छा हुआ।
  • मिश्र— यदि मन लगाकर काम करोगे तो सफलता प्राप्त होगी।
    • सरल— सफलता प्राप्त करने के लिए मन लगाकर काम करना होगा।
  • मिश्र— जब वह आएगा तो देखा जाएगा।
    • सरल— उसके आने पर देखा जाएगा।
  • मिश्र— जैसा बोओगे वैसा काटोगे।
    • सरल— बोए हुए के अनुसार काटोगे।
  • मिश्र— बैठिए जहाँ आपका जी चाहे।
    • सरल— आप मनचाही जगह पर बैठिए।
  • मिश्र— जैसे-जैसे सत्य का उ‌द्घाटन होगा, वैसे-वैसे मेरी ईमानदारी प्रकट होगी।
    • सरल— सत्य का उ‌द्घाटन होने के साथ मेरी ईमानदारी प्रकट होती जाएगी।
  • मिश्र— क्योंकि वह नहीं मिला, इसलिए मैं एक पत्र लिखकर रख आया।
    • सरल— उसके न मिलने के कारण मैं एक पत्र लिखकर रख आया।
  • मिश्र— तुम्हें जितनी आशा थी उससे बढ़कर काम हुआ।
    • सरल— आशा से बढ़कर तुम्हारा काम हुआ।
  • मिश्र— जब तक साँस तब तक आस।
    • सरल— साँस रहते आस रहती है।
  • मिश्र— यद्यपि वह दो बार गिरा तथापि उसे कहीं चोट नहीं लगी।
    • सरल— दो बार गिरने पर भी उसे कहीं चोट नहीं लगी।
  • मिश्र— वह इतना लम्बा नहीं कि इस दरवाजे से निकल न सके ।
    • सरल— वह इतना भर लम्बा है कि इस दरवाजे से निकल सके।
  • मिश्र— जब सर्दी लगे तब कंबल ओढ़ लेना।
    • सरल— सर्दी लगने पर कंबल ओढ़ लेना।
  • मिश्र— क्योंकि वह पास हो गया, इसलिए मैंने उसे बधाई दी।
    • सरल— उसके पास हो जाने के कारण मैंने उसे बधाई दी।
  • मिश्र— यदि तुम कोई वचन दो तो उसे पूरा करो।
    • सरल— वचन देकर उसे पूरा करो।
  • मिश्र— जब मैंने उसे आते देखा तो मैं अन्दर जा घुसा।
    • सरल— उसे आता देखकर मैं अन्दर जा घुसा।
  • मिश्र— वह इतना थका हुआ था कि खड़ा होना मुश्किल था।
    • सरल— थकान के कारण उसे खड़ा होना मुश्किल था।
  • मिश्र— घोड़ा इतना बूढ़ा हो गया है कि अब काम के लायक नहीं रहा।
    • सरल— बूढ़ा हो जाने के कारण घोड़ा अब काम के लायक नहीं रहा।
  • मिश्र— खेद है कि वह आज उपस्थित नहीं है।
    • सरल— उसके आज उपस्थित न होने का खेद है।
  • मिश्र— हमें विश्वास है कि मरीज अब बच नहीं सकता।
    • सरल— मरीज के न बच पाने का हमें विश्वास है।
  • मिश्र— उसने मुझसे पूछा कि तुम वहाँ क्यों गए थे?
    • सरल— उसने मुझसे वहाँ जाने का कारण पूछा।
  • मिश्र— उसने वह मकान बेच दिया जो उसके चाचा का था।
    • सरल— उसने चाचा वाला मकान बेच दिया।
  • मिश्र— यह वही जगह है जहाँ दुर्घटना हुई थी।
    • सरल— दुर्घटना इसी जगह हुई थी।
  • मिश्र— यौवन वह काल है जब चरित्र का निर्माण होता है।
    • सरल— यौवन चरित्र निर्माण का काल है।
  • मिश्र— जो लोग स्वस्थ रहते हैं उन्हें वैद्य के पास नहीं जाना पड़ता।
    • सरल— स्वस्थ रहनेवाले लोगों को वैद्य के पास नहीं जाना पड़ता ।
  • मिश्र— वह जानता है कि यदि वह इन्कार करेगा तो क्या होगा?
    • सरल— वह इन्कार कर देने का परिणाम जानता है।

मिश्र वाक्य से संयुक्त वाक्य

  • मिश्र— मुझे विश्वास है कि दोष तुम्हारा है।
    • संयुक्त— दोष तुम्हारा है, और इसका मुझे विश्वास है।
  • मिश्र— जैसा बोओगे वैसा काटोगे।
    • संयुक्त— जो जैसा बोएगा वैसा ही काटेगा।
  • मिश्र— वह उस स्कूल में पढ़ा जो उसके गाँव के निकट था।
    • संयुक्त— वह स्कूल में पढ़ा और वह स्कूल उसके गाँव के निकट था।
  • मिश्र— जैसे ही उसे तार मिला वह घर से चल पड़ा।
    • संयुक्त— उसे तार मिला और वह तुरन्त घर से चल पड़ा।
  • मिश्र— यद्यपि मैं उनके घर गया था, तथापि उनसे भेंट नहीं हुई।
    • संयुक्त— मैं उनके घर गया तो था पर उनसे भेंट नहीं हुई।
  • मिश्र— यदि जल्दी तैयार नहीं होओगे तो बस चली जाएगी।
    • संयुक्त— जल्दी तैयार हो जाओ, नहीं तो बस चली जाएगी।
  • मिश्र— यदि वह घर पर मिलेगा तो मैं अवश्य जाऊँगा ।
    • संयुक्त— वह घर पर मिलेगा, तो मैं अवश्य जा मिलूँगा ।
  • मिश्र— मैंने उसे क्षमा कर दिया क्योंकि वह मरणासन्न था।
    • संयुक्त— वह मरणासन्न था, इसलिए मैंने उसे क्षमा कर दिया।
  • मिश्र— मुझे वह पुस्तक मिल गई है जो खो गई थी।
    • संयुक्त— वह पुस्तक खो गई थी, परन्तु मुझे मिल गई है।
  • मिश्र— मुझे प्रसन्नता है कि तुम स्वस्थ हो गए।
    • संयुक्त— तुम स्वस्थ हो गए, और इसकी मुझे प्रसन्नता है।
  • मिश्र— वह कर डालो ताकि पछताना न पड़े।
    • संयुक्त— वह कर डालो, नहीं तो पछताना पड़ेगा।
  • मिश्र— जब मैंने पुकारा तो वह चुप रह गया।
    • संयुक्त— मैंने पुकारा परन्तु वह चुप रह गया।
  • मिश्र— आश्चर्य है कि वह हार गया।
    • संयुक्त— वह हार गया, परन्तु यह आश्चर्य है।
  • मिश्र— हम प्रमाणित कर सकते हैं कि पृथ्वी गोल है।
    • संयुक्त— पृथ्वी गोल है और हम इसे प्रमाणित कर सकते हैं।
  • मिश्र— वह इसलिए कंगाल हो गया कि उसका घर जलकर राख हो गया।
    • संयुक्त— उसका घर जलकर राख हो गया इसलिए वह कंगाल हो गया।
  • मिश्र— वह किसी से सिफारिश कराने के चक्कर में है ताकि काम बन जाए।
    • संयुक्त— उसका काम बन जाए इसलिए वह किसी से सिफारिश कराने के चक्कर में है।
  • मिश्र— काम समाप्त हो जाए तो जा सकते हो ।
    • संयुक्त— काम समाप्त करो और जाओ।

अर्थ की दृष्टि से रचनांतरण

अर्थ की दृष्टि से वाक्यों के आठ भेद होते हैं। इन सबमें विधिवाचक वाक्य को मूलभूत रचना मानते हैं, जिसमें कुछ अर्थ-विशिष्टता देने से अन्य वाक्य बन जाते हैं; जैसे—

मोहन किताब पढ़ रहा है। (विधिवाचक)

  • मोहन, किताब पढ़ो। (आज्ञावाचक)
  • क्या मोहन किताब पढ़ रहा है? (प्रश्नवाचक)
  • (मेरी इच्छा है कि) मोहन किताब पढ़े। (इच्छावाचक)
  • मोहन किताब नहीं पढ़ रहा है। (निषेधवाचक)
  • यदि मोहन किताब पढ़ेगा तो उत्तीर्ण होगा। (संकेतवाचक)
  • मोहन किताब पढ़ रहा होगा। (संदेहवाचक)
  • अरे ! मोहन किताब पढ़ रहा है। (विस्मयवाचक)

आइये विस्तार से इसे उदाहरण सहित समझते हैं—

विधिवाचक से निषेधवाचक वाक्य

  • विधिवाचक— वह मुझसे बड़ा है।
    • निषेधवाचक— मैं उससे बड़ा नहीं हूँ।
  • विधिवाचक— अपने देश के लिए प्रत्येक भारतीय अपनी जान देगा।
    • निषेधवाचक— अपने देश के लिए कौन भारतीय अपनी जान न देगा?
  • विधिवाचक— मुझे संदेह हुआ कि यह पत्र तुमने लिखा।
    • निषेधवाचक— मुझे विश्वास नहीं हुआ कि यह पत्र तुमने लिखा ।
  • विधि— उसने सब उपाय किये।
    • निषेध— उसने कोई उपाय उठा नहीं रखा।
  • विधि— मुगल बादशाहों में अकबर श्रेष्ठ था।
    • निषेध— मुगल बादशाहों में अकबर से बढ़कर कोई नहीं था।
  • विधि— नत्थू कल्लू से कुछ लम्बा है।
    • निषेध— नत्थू कल्लू से छोटा नहीं है।
  • विधि— वह घर से बाहर रहता है।
    • निषेध— वह घर के अन्दर नहीं रहता।
  • विधि— हर आदमी कभी तो गलती करता ही है।
    • निषेध— ऐसा कोई आदमी नहीं जो कभी गलती नहीं करता।
  • विधि— मेरे पास केवल चार रुपए हैं।
    • निषेध— मेरे पास चार रुपए से अधिक नहीं हैं।
  • विधि— गुलाब का कोई नाम रख दो सुगंध देगा ही।
    • निषेध— गुलाब का कोई नाम न रहे तो ऐसा नहीं है कि वह सुगंध नहीं देगा।
  • विधि— आबू के मंदिर देखने लायक हैं।
    • निषेध— ऐसा नहीं है कि आबू के मंदिर देखने लायक न हों।
  • विधि— यह मकान हमारे पुराने मकान से खुला है।
    • निषेध— हमारा पुराना मकान इस मकान से खुला नहीं है।
  • विधि— ये इमारतें ऊँचाई में एक समान हैं।
    • निषेध— ये इमारतें ऊँचाई में भिन्न नहीं हैं।
  • विधि— मैं आपसे सहमत हूँ।
    • निषेध— मैं आपसे असहमत नहीं हूँ।
  • विधि— जब तुम दिल्ली में थे तब मेहरौली लौह स्तंभ अवश्य देखा होगा।
    • निषेध— जब तुम दिल्ली में थे तब ऐसा नहीं हो सकता कि मेहरौली लौह स्तंभ देखा ही न हो।
  • विधि— लड़की अपनी पुस्तक पढ़ रही थी।
    • निषेध— लड़की किसी और की पुस्तक नहीं पढ़ रही थी।
  • विधि— यह प्रस्ताव सब को स्वीकार्य है।
    • निषेध— इस प्रस्ताव पर किसी को आपत्ति नहीं है।
  • विधि— गाड़ी के समय पर आने की सम्भावना है।
    • निषेध— गाड़ी के विलम्ब से आने की सम्भावना नहीं है।

निषेध से विधि

  • निषेध— मुझे कौन वोट नहीं देगा ?
    • विधि— मुझे सब वोट देंगे।
  • निषेध— तुम उससे योग्य नहीं हो।
    • विधि— वह तुमसे योग्य है।
  • निषेध— गाँधी जी का नाम किसने नहीं सुना।
    • विधि— गाँधी जी का नाम सबने सुना है।
  • निषेध— उसकी ईमानदारी पर किसी को संदेह नहीं है।
    • विधि— उसकी ईमानदारी पर सबको भरोसा है।
  • निषेध— वह दीर्घकाल तक जीवित नहीं रहा।
    • विधि— वह अल्पायु में ही मर गया।
  • निषेध— मैं सारी रात सो नहीं पाया।
    • विधि— मैं सारी रात जागता रहा।
  • निषेध— उससे अच्छा खिलाड़ी दूसरा नहीं है।
    • विधि— वह सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी है।
  • निषेध— उपस्थित व्यक्तियों में किसी ने उसकी निन्दा नहीं की।
    • विधि— उपस्थित व्यक्तियों में सब ने उसकी प्रशंसा की।
  • निषेध— मुझे एक भी पुरस्कार नहीं मिला।
    • विधि— मेरे सिवाय प्रत्येक को एक-आध पुरस्कार अवश्य मिला।
  • निषेध— झूठ मत बोला करो।
    • विधि— सच ही बोला करो।
  • निषेध— मैं किसी योजना को अधूरा नहीं छोड़ता।
    • विधि— मैं हर एक योजना पूरी करके छोड़ता हूँ।
  • निषेध— लगता था कि वह अभी मरा नहीं।
    • विधि— लगता था कि वह अभी जीवित है।
  • निषेध— प्रायः लोग गरीबों को दुःख नहीं देते।
    • विधि— प्रायः लोग गरीबों को सुख ही देते हैं।
  • निषेध— आग के बिना धुआँ नहीं होता।
    • विधि— आग होती है तभी धुआँ होता है।
  • निषेध— ये दो जुड़वाँ भाई एक-दूसरे से भिन्न है।
    • विधि— ये दो जुड़वाँ भाई एक-समान हैं।
  • निषेध— इस बात से किसी को इन्कार नहीं है।
    • विधि— यह बात सब को स्वीकार्य है।

निश्चयवाचक वाक्य से प्रश्नवाचक वाक्य

  • निश्वय— महाराणा प्रताप का नाम सब ने सुन रखा है।
    • प्रश्न— महाराणा प्रताप का नाम किसने नहीं सुना?
  • निश्चय— यह एक अनुकरणीय उदाहरण है।
    • प्रश्न— क्या यह अनुकरणीय उदाहरण नहीं है?
  • निश्चय— प्यासे को मिठाई खिलाने से कोई लाभ नहीं है।
    • प्रश्न— प्यासे को मिठाई खिलाने से क्या लाभ?
  • निश्चय— डाक्टर वर्मा जैसे अध्यापक अब नहीं रहे।
    • प्रश्न— डाक्टर वर्मा जैसे अध्यापक अब कहाँ हैं?
  • निश्चय— कन्याकुमारी के सूर्योदय और सूर्यास्त का वर्णन कोई नहीं कर सकता।
    • प्रश्न— कन्याकुमारी के सूर्योदय और सूर्यास्त का वर्णन कौन कर सकता है ?
  • निश्चय— अब तुम बिलकुल अच्छे हो गए हो।
    • प्रश्न— क्या अब तुम बिलकुल अच्छे हो गए हो?
  • निश्चय— तुम्हारी माँ यहाँ नहीं है।
    • प्रश्न— तुम्हारी माँ यहाँ कहाँ है?
  • निश्चय— आपकी सहायता के बिना हम कुछ नहीं कर सकते थे।
    • प्रश्न— आपकी सहायता के बिना हम क्या कर सकते थे?
  • निश्चय— मैंने सब काम कर लिया है।
    • प्रश्न— मुझे क्या करना शेष है?
  • निश्चय— अपनी अनुपस्थिति का कारण बताओ।
    • प्रश्न— तुम्हारी अनुपस्थिति का क्या कारण है?
  • निश्चय— इन नेताओं और स्वतंत्रताप्राप्ति के पहले के नेताओं की कोई तुलना नहीं हो सकती।
    • प्रश्न— इन नेताओं और स्वतंत्रताप्राप्ति के पहले के नेताओं में क्या तुलना हो सकती है?
  • निश्वय— तुम्हारे पड़ोस में कलह मच जाने का कारण बताओ।
    • प्रश्न— तुम्हारे पड़ोस में कलह क्यों मच गयी थी?
  • निश्चय— यदि विलम्ब हो जाए तो कोई बात नहीं।
    • प्रश्न— यदि विलम्ब हो जाए तो क्या बात हो जाएगी?
  • निश्चय— तुम्हारा काम किसी न किसी तरह हो गया।
    • प्रश्न— तुम्हारा काम कैसे हो गया?
  • निश्चय— तुम्हारी चाबी मेरे पास नहीं है।
    • प्रश्न— मेरे पास तुम्हारी चाबी कहाँ है?
  • निश्चय— किसी से आशा नहीं की जा सकती।
    • प्रश्न— किससे आशा की जाए?

प्रश्नवाचक से निश्चयवाचक वाक्य

  • प्रश्न— आप क्या बालू से तेल निकाल सकते हैं?
    • निश्वय— आप बालू से तेल नहीं निकाल सकते।
  • प्रश्न— हम हार गए तो क्या हो जाएगा?
    • निश्चय— हम हार गए तो कुछ होगा नहीं।
  • प्रश्न— बात करने का क्या यही तरीका है?
    • निश्चय— बात करने का यह तरीका नहीं है।
  • प्रश्न— आप क्या जानें पहाड़ का मजा?
    • निश्चय— आप पहाड़ का मजा नहीं जान पाते।
  • प्रश्न— मोर नाचते किसने नहीं देखा है?
    • निश्चय— मोर को नाचते सबने देखा है।
  • प्रश्न— कौन ऐसा कृतघ्न होगा जो आपके उपकारों को भुला दे।
    • निश्चय— कोई ऐसा कृतघ्न नहीं हो सकता जो आपके उपकारों को भुला दे।
  • प्रश्न— ऐसा उपन्यास पढ़ने में क्यों समय नष्ट किया जाए?
    • निश्चय— ऐसा उपन्यास पढ़ने में समय नष्ट करना मूर्खता है।
  • प्रश्न— क्या इस तरह के गंदे कपड़े पहन कर स्कूल जाया जाता है?
    • निश्चय— इस तरह के गंदे कपड़े पहनकर स्कूल नहीं जाया जाता।
  • प्रश्न— क्या हो जाएगा जो हम समय पर न पहुँचे?
    • निश्चय— हम समय पर न पहुँचे तो कुछ होने हवाने का नहीं।
  • प्रश्न— आग के बिना धुआँ हो सकता है?
    • निश्चय— क्या आग के बिना धुआँ नहीं हो सकता।
  • प्रश्न— वह कहाँ चला गया है?
    • निश्वय— उसके चले जाने का ठिकाना ज्ञात नहीं है।
  • प्रश्न— क्या तुम आज ही जाओगे?
    • निश्चय— शायद तुम आज नहीं जाओगे।
  • प्रश्न— आपकी छुट्टी का क्या हुआ?
    • निश्चय— आपकी छुट्टी का कुछ पता नहीं है।
  • प्रश्न— क्या तुम कुछ खा रहे हो?
    • निश्चय— लगता है कि तुम कुछ नहीं खा रहे।
  • प्रश्न— परीक्षाफल कब तक मिलेगा ?
    • निश्चय— देखिए परीक्षाफल कब मिलेगा।

विस्मयादिबोधक वाक्य से विधि

  • विस्मयादि— काश ! कि मैं जवान होता।
    • विधि— मैं चाहता हूँ कि मैं जवान होता।
  • विस्मयादि— कितना सुंदर दृश्य !
    • विधि— यह बहुत ही सुंदर दृश्य है।
  • विस्मयादि— सिंह भी कितना विचित्र जीव है !
    • विधि— सिंह बहुत विचित्र जीवों में है।
  • विस्मयादि— क्या बढ़िया तरीका है तलवार भाँजने का !
    • विधि— तलवार भाँजने का इससे बढ़िया तरीका नहीं है।
  • विस्मयादि— एकांतवास का क्या कहना !
    • विधि— एकांतवास का आनंद अवर्णनीय है।
  • विस्मयादि— पाप ! महापाप !
    • विधि— घोर पाप हो गया।
  • विस्मयादि— अहा ! कैसे सुहावने बादल हैं !
    • विधि— सुहावने बादलों को देखकर आनंद आ रहा है।
  • विस्मयादि— हैं ! तुम फेल हो गए !
    • विधि— मुझे तुम्हारे फेल होने से आश्चर्य हो रहा है।
  • विस्मयादि— यह क्या उसने ऐसा कर दिया !
    • विधि— विश्वास नहीं होता कि उसने ऐसा कर दिया।
  • विस्मयादि— इतना क्रूर !
    • विधि— वह अत्यंत क्रूर है।
  • विस्मयादि— क्या मैं भूल कर रहा हूँ !
    • विधि— मैं तो भूल नहीं कर रहा।
  • विस्मयादि— शाबाश !
    • विधि— हम तुम्हें शाबाश देते हैं।
  • विस्मयादि— क्या करूँ, कहाँ जाऊँ !
    • विधि— मैं लाचार और बेघर हो गया।
  • विस्मयादि— बहुत अच्छे !
    • विधि— मुझे आपकी बात स्वीकार्य है।
  • विस्मयादि— हाँ हाँ, सब ठीक !
    • विधि— हम आपकी बात का अनुमोदन करते हैं।
  • विस्मयादि— हाय, यह क्या हो गया !
    • विधि— मुझे शोक है।

वाच्यांतरण

कर्तृवाचक से कर्मवाचक वाक्य

  • कर्तृवाचक— लड़का रोटी खाता है।
    • कर्मवाचक— लड़के से रोटी खायी जाती है।
  • कर्तृवाचक— तुम व्याकरण पढ़ाते हो।
    • कर्मवाचक— तुमसे व्याकरण पढ़ाया जाता है।
  • कर्तृवाचक— मोहन गीत गाता है।
    • कर्मवाचक— मोहन से गीत गाया जाता है।
  • कर्तृवाच्य— आज्ञा दीजिए।
    • कर्मवाच्य— आज्ञा दी जाए।
  • कर्तृवाच्य— मैंने दरवाज़ा खोला ।
    • कर्मवाच्य— मुझसे दरवाज़ा खोला गया।
  • कर्तृवाच्य— इस बिल का भुगतान आज ही कर दें।
    • कर्मवाच्य— इस बिल का भुगतान आज ही कर दिया जाए।
  • कर्तृवाच्य— लड़का पेड़ पर चढ़ रहा है।
    • कर्मवाच्य— लड़के से पेड़ पर चढ़ा जा रहा है।
  • कर्तृवाच्य— नौकर को बुलाओ।
    • कर्मवाच्य— नौकर को बुलाया जाए।
  • कर्तृवाच्य— अब दुकान बंद करने का समय है।
    • कर्मवाच्य— अब समय है कि दुकान बंद की जाए।
  • कर्तृवाच्य— तुमने व्याकरण किससे पढ़ा था?
    • कर्मवाच्य— तुम्हें व्याकरण किसने पढ़ाया था।
  • कर्तृवाच्य— तुम्हें अपने वचन का पालन करना चाहिए।
    • कर्मवाच्य— तुमसे अपने वचन का पालन होना चाहिए।
  • कर्तृवाच्य— हमने तुम्हें यह दाँव सिखाये।
    • कर्मवाच्य— हमसे तुमने ये दाँव सीखे।
  • कर्तृवाच्य— कृपया बायें चलिए।
    • कर्मवाच्य— बायें चलने की कृपा की जाए।
  • कर्तृवाच्य— बिल्ली ने चूहे को मार डाला।
    • कर्मवाच्य— बिल्ली के हाथों चूहा मारा गया।
  • कर्तृवाच्य— कल उसने मुझे खाने पर बुलाया था।
    • कर्मवाच्य— कल मैं उसके द्वारा खाने पर बुलाया गया था।
  • कर्तृवाच्य— मक्खन यहाँ अलमारी में रखते हैं।
    • कर्मवाच्य— मक्खन यहाँ अलमारी में रखा जाता है।
  • कर्तृवाच्य— खिड़की टूट गई।
    • कर्मवाच्य— खिड़की तोड़ी गई।
  • कर्तृवाच्य— दरवाज़ा बंद कर दो।
    • कर्मवाच्य— दरवाज़ा बंद कर दिया जाए।
  • कर्तृवाच्य— लोग बताते हैं कि वह पागल हो गया है।
    • कर्मवाच्य— बताया जाता है कि वह पागल हो गया है।
  • कर्तृवाच्य— उसने मुझे काम पर लगाया था।
    • कर्मवाच्य— उससे मैं काम पर लगाया गया था।

कर्मवाचक से कर्तृवाचक वाक्य

  • कर्मवाच्य— उसे एक तार दिया जाए।
    • कर्तृवाच्य— उसे एक तार दें।
  • कर्मवाच्य— उसे सभापति चुना गया।
    • कर्तृवाच्य— उन्होंने उसको सभापति चुना।
  • कर्मवाच्य— इस गली से होकर जाया जाए।
    • कर्तृवाच्य— इस गली से होकर जाएँ।
  • कर्मवाच्य— मकान कैसे बनाया जाता है।
    • कर्तृवाच्य— मकान कैसे बनाते हैं।
  • कर्मवाच्य— यहाँ ऐसे खेल खेले जाते हैं।
    • कर्तृवाच्य— यहाँ ऐसे खेल खेलते हैं।
  • कर्मवाच्य— हर गाँव में नलकूप लगाए जा रहे हैं।
    • कर्तृवाच्य— हर गाँव में नलकूप लग रहे हैं।
  • कर्मवाच्य— ऐसा कहा जाता है कि…।
    • कर्तृवाच्य— ऐसा कहते हैं कि…।
  • कर्मवाच्य— पुल की मरम्मत हो रही है।
    • कर्तृवाच्य— (वे) पुल की मरम्मत कर रहे हैं।
  • कर्मवाच्य— तुमसे लिखा नहीं जा सकता।
    • कर्तृवाच्य— तुम लिख नहीं सकते।
  • कर्मवाच्य— ‘अभिज्ञान शाकुंतल’ कालिदास द्वारा लिखा गया।
    • कर्तृवाच्य— ‘अभिज्ञान शाकुंतल’ कालिदास ने लिखा।
  • कर्मवाच्य— उसको पढ़ाया-लिखाया जा रहा है।
    • कर्तृवाच्य— वह पढ़-लिख रहा है।
  • कर्मवाच्य— कश्मीर की सुषमा का वर्णन नहीं किया जा सकता।
    • कर्तृवाच्य— कश्मीर की सुषमा का वर्णन कोई नहीं कर सकता।
  • कर्मवाच्य— घायल खिलाड़ी अस्पताल लाया जा रहा था।
    • कर्तृवाच्य— (वे) घायल खिलाड़ी को अस्पताल ले जा रहे थे।
  • कर्मवाच्य— उसे सब कुछ बता दिया जाए।
    • कर्तृवाच्य— उसे सब कुछ बता दें।
  • कर्मवाच्य— हमें रिहा कर दिया गया।
    • कर्तृवाच्य— (उन्होंने) हमें रिहा कर दिया।
  • कर्मवाच्य— रद्दी कागज़ फेंक दिये गए।
    • कर्तृवाच्य— (उन्होंने) रद्दी कागज़ फेंक दिये।
  • कर्मवाच्य— उनसे सारा सामान ढो दिया गया।
    • कर्तृवाच्य— उन्होंने सारा सामान ढो दिया।

विशेषण की तुलनावस्था का अंतरण

विशेषण की तुलनावस्था के तीन रूप हैं—

  1. मूलावस्था
  2. उत्तरावस्था / तरावस्था
  3. उत्तमावस्था / तमावस्था

आइये इसे उदाहरण सहित समझते हैं—

  • मूलावस्था— मैं इतना बड़ा आदमी नहीं हूँ जितना नरोत्तम।
  • तरावस्था (उत्तरावस्था)— नरोत्तम मुझसे बड़ा आदमी है।
  • मूलावस्था— कोई धातु इतनी उपयोगी नहीं है जितना लोहा।
  • तरावस्था— लोहा किसी और धातु से अधिक उपयोगी है।
  • तमावस्था (उत्तमावस्था)— लोहा सब धातुओं से अधिक उपयोगी है।
  • मूलावस्था— कोलकाता भारत के बड़े-बड़े नगरों में से एक है।
  • तरावस्था— कोलकाता भारत के बहुत से नगरों से बड़ा है।
  • तमावस्था— मुंबई भारत का सबसे बड़ा नगर है।
  • तरावस्था— मुंबई भारत के किसी भी नगर से बड़ा है।
  • मूलावस्था— भारत का कोई नगर इतना बड़ा नहीं है जितना मुंबई।
  • तमावस्था— विनोद सब से तेज बल्लेबाज है।
  • तरावस्था— विनोद से तेज बल्लेबाज कोई नहीं है।
  • तरावस्था— श्रीनगर की अपेक्षा शिमला ठंडी जगह है।
  • मूलावस्था— श्रीनगर इतनी ठंडी जगह नहीं है जितना शिमला।
  • तरावस्था— मैंने इस हीरे से कीमती हीरा कभी नहीं देखा।
  • तमावस्था— यह हीरा उन सभी हीरों से बड़ा है जो मैंने अब तक देखे हैं।
  • तमावस्था— बच्चों में परियों की कहानियाँ सबसे लोकप्रिय हैं।
  • मूलावस्था— बच्चों में और कहानियाँ इतनी लोकप्रिय नहीं हैं जितनी परियों की कहानियाँ।
  • तरावस्था— नंदन कई खिलाड़ियों से आगे हैं।
  • मूलावस्था— खिलाड़ियों में जितने आगे नंदन है इतना कोई नहीं।
  • तमावस्था— पहला कमरा सब से बड़ा है।
  • तरावस्था— पहले कमरे से बड़ा कोई कमरा नहीं है।
  • मूलावस्था— इतना बड़ा कोई कमरा नहीं है जितना पहला कमरा।
  • मूलावस्था— आज का मौसम इतना बुरा नहीं है।
  • तमावस्था— आज का मौसम सब मौसमों से तो बुरा नहीं है।
  • मूलावस्था— लंबाई में यह लड़का अपने पिता के बराबर है।
  • तरावस्था— लंबाई में यह लड़का अपने पिता से बड़ा नहीं है।
  • तरावस्था— वह उम्र में मुझसे बड़ा है।
  • मूलावस्था— उम्र में मैं इतना बड़ा नहीं हूँ जितना वह।
  • तमावस्था— जगन्नाथ पुरी का मंदिर सब से बड़ा नहीं है।
  • मूलावस्था— जगन्नाथ पुरी का मंदिर इतना बड़ा नहीं है जितने कई और मंदिर।
  • तरावस्था— मौसम बद से बदतर होता जा रहा है।
  • मूलावस्था— मौसम पहले से बुरा होता जा रहा है।

शब्दभेद से वाक्यांतरण

संज्ञा से क्रिया

  • वहाँ तक मेरी पहुँच नहीं है।
  • वहाँ तक मैं पहुँच नहीं सकता।
  • उसे ऐसे वातावरण में घबराहट होती है।
  • वह ऐसे वातावरण में घबरा जाता है।
  • इस मशीन की लागत दो हजार रुपये है।
  • इस मशीन पर दो हजार रुपये लगे हैं।
  • हमने इतनी वस्तुओं का चुनाव किया था।
  • हमने इतनी वस्तुएँ चुनी थीं।

विशेषण से संज्ञा

  • यह चीज स्वास्थ्य के लिए हानिकर है।
  • इस चीज से स्वास्थ्य की हानि होती है।
  • वह परीक्षा में सफल हो गया है।
  • उसे परीक्षा में सफलता मिल गई है।
  • मैं इस प्रस्ताव से सहमत हूँ।
  • मेरी इस प्रस्ताव से सहमति है।
  • वह छोटा सा लड़का बड़ा समझदार है।
  • उस छोटे से लड़के में बड़ी समझदारी है।

संज्ञा से विशेषण

  • उसके जाने का निश्चय नहीं है।
  • उसका जाना अनिश्चित है।
  • इन चूहों ने बड़ा कष्ट दे रखा है।
  • ये चूहे बड़े कष्टदायक हैं।
  • अपनी अयोग्यता के कारण वह रह गया।
  • अयोग्य होने के कारण वह रह गया।
  • इस घटना की स्मृति सदा बनी रहेगी।
  • यह घटना सदा स्मरणीय रहेगी

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