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अनेक शब्दों के एक शब्द

भूमिका भाषा की सुदृढ़ता, भावों की गम्भीरता और चुस्त शैली के लिये ‘अनेक शब्दों के एक शब्द’ का ज्ञान आवश्यक है। भाषा की समृद्धि के लिये यह आवश्यक है कि शब्दों (पदों) के प्रयोग में संयम से काम लिया जाये, ताकि वह विस्तृत विचारों या भावों को कम-से-कम शब्दों में व्यक्त हो सके। भाषा की […]

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विलोम या विपरीतार्थक शब्द

भूमिका “उल्टे अर्थों में प्रयुक्त होने वाले शब्दों को विलोम शब्द कहते हैं।” विलोम को विपरीतार्थक, प्रतिलोमार्थक और विपर्यावाची शब्द भी कहते हैं। विलोम शब्द सदैव ‘सजातीय’ होते हैं, अर्थात् शब्द का विलोम उसी ‘व्याकरणिक कोटि’ का होगा जिसका वह मूल शब्द है; यथा – संज्ञा पद का विलोम संज्ञापद, विशेषण का विलोम विशेषण, क्रिया

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विशेष्य और विशेषण

परिचय परिभाषा : “जिस शब्द से संज्ञा या सर्वनाम की विशेषता का बोध हो, उसे ‘विशेषण’ कहते हैं।” विशेषता : विशेषण एक ‘विकारी’ शब्द है, अर्थात् लिंग, वचन, पुरुष आदि के अनुसार इसमें परिवर्तन होता है। उदाहरणार्थ- काला, काली, काले। विशेषण शब्द विशेष्य के अर्थ को सीमित या मर्यादित या परिमित कर देता है। उदाहरणार्थ,

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प्रतिवेदन ( Report )

भूमिका “प्रतिवेदन एक विवरण है जो किसी प्रश्न के उत्तर या जाँच के फलस्वरूप प्रस्तुत किया जाता है।” प्रतिवेदन का शाब्दिक अर्थ है – ‘जाँच-पड़ताल के बाद तैयार किया गया विवरण।’ यह किसी पारम्परिक रूप में उच्च अधिकारी या अधिकारियों को प्रस्तुत किया जाता है। इसमें किसी निर्दिष्ट विषय पर पूरी पूछताछ की ठोस और

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अनुस्मारक ( Reminder )

भूमिका “अनुस्मारक से तात्पर्य किसी प्राधिकारी को किसी मामले में किसी प्रकार की कार्यवाही हेतु स्मरण दिलाने से सम्बन्धित पत्र आलेखन से है।” किसी (सरकारी) पत्र का उत्तर प्राप्त होने में देरी हो जाए या कोई आवश्यक मामला अत्यधिक समय से लम्बित हो और उस पर कार्यवाही रुकी हो, तो पुनः याद दिलाने के लिये

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कार्यालय ज्ञाप ( Office Memorandum )

भूमिका “कार्यालय ज्ञाप पत्र-व्यवहार का वह रूप है जिसके माध्यम से किसी सरकारी कार्यालय में किसी विशिष्ट अथवा सामान्य मामलों में अंतर-कार्यालयी, अंतर-विभागीय या अंतर-वैयक्तिक ‘औपचारिक’ संदेश या अनुदेश प्रसारित किये जाते हैं। इसे आवश्यकतानुसार निजी व्यक्तियों से सम्पर्क के लिये भी प्रयुक्त किया जाता है।” कार्यालय ज्ञाप को ‘कार्यालय ज्ञापन’ और संक्षेप में ‘ज्ञाप’

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परिपत्र ( Circular )

भूमिका “पत्र आलेखन का ऐसा रूप, जिसके द्वारा समान सूचना, निर्देश, अनुदेश इत्यादि सभी सम्बन्धित अथवा अधीनस्थ अधिकारियों को विभिन्न कार्यों के संदर्भ में प्रतिलिपियों के माध्यम से प्रेषित किया जाता है, परिपत्र कहलाता है।” या “जब प्रेषक एक हो, विषय एक हो लेकिन प्रेषिती (प्राप्तकर्ता) अनेक हों तब सरकारी पत्र ही परिपत्र बन जाता

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अधिसूचना / विज्ञप्ति ( Notification )

भूमिका “अधिसूचना पत्राचार का ऐसा रूप है जिसका प्रकाशन राजकीय गजट में सर्वसाधारण के सूचनार्थ किया जाता है।” या “लोक-विषयक मामलों, शासकीय निर्णयों, सूचनाओं और अन्य सांविधिक आदेशों को सर्वसाधारण के सूचनार्थ राजकीय गजट में प्रकाशित पत्र को अधिसूचना या विज्ञप्ति कहते हैं।” अधिसूचना के प्रकार शासकीय-पत्र व्यवहार में दो प्रकार को विज्ञप्तियाँ प्रसारित की

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कार्यालय आदेश ( Office Order )

भूमिका “कार्यालय आदेश शासकीय पत्र-व्यवहार का वह विशिष्ट रूप है जिसके माध्यम से किसी कार्यालय अथवा सरकारी संस्थान अथवा व्यापारिक संस्थान में एक वरिष्ठ अधिकारी अपने अधीनस्थ अधिकारियों / कर्मचारियों के विभिन्न सेवा सम्बन्धी मामलों में; जैसे – नये पदों की स्वीकृति, वित्तीय स्वीकृति, अवकाश की स्वीकृति, अनुशासनिक मामले आदि की सूचना-विषयक संदेश दिन-प्रतिदिन के

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तार लेखन ( Telegram Writing )

भूमिका तार ( Telegram ) एक शीघ्रगामी व्यवस्था थी। इसे किसी आवश्यक विषय या प्रकरण पर भेजा जाता था। इसका उपयोग किसी कार्य की अनिवार्यता और सामान्य पत्र के लिये समय न होने की स्थिति में किया जाता था। इसके माध्यम से संक्षिप्त किन्तु स्पष्ट संदेश भेजा जाता था। तार सेवा का प्रारम्भ 5 नवंबर,

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